भीतर क्षमा हो तो क्षमा निकलेगी भीतर ईर्ष्या द्वेष अहंकार रूपी गंदगी भरी है तो गंदगी ही निकलेगी इसलिये जब भी कुछ बाहर निकले तो दूसरे को दोषी मत ठहराना यह हमारी ही सम्पदा है जिसको हम अपने भीतर छिपाये बैठे है !!!

भीतर क्षमा हो तो क्षमा निकलेगी भीतर ईर्ष्या द्वेष अहंकार रूपी गंदगी भरी है तो गंदगी ही निकलेगी इसलिये जब भी कुछ बाहर निकले तो दूसरे को दोषी मत ठहराना यह हमारी ही सम्पदा है जिसको हम अपने भीतर छिपाये बैठे है !!!

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